NPS/CPF WORKERS BEST APPLICATION AND NEWS
जिसके तहत हर कर्मचारी को सेवा निवृत्त होने पर 16 महिने के वेतन के बराबर ग्रेजुएटी का भुगतान किया जायेगा।
कर्मचारी के कुल जमा राशि का 40 प्रतिशत नगद भुगतान किया जाएगा तथा 60 प्रतिशत मेचुअल फंड में जमा कर पेंशन का भुगतान किया जाएगा।
संचालनालय पेंशन एवं भविष्य निधि कार्यालय के इस संशोधन आदेश से प्रदेश के 6 लाख कर्मचारियों को कोई ज्यादा फायदा नहीं होने वाला है।
उक्त संशोधन एनपीएस धारक कर्मचारियों को मंजूर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी सप्ताह आदेश जारी कर केन्द्र सरकार को एनपीएस बंद करके पुरानी पेंशन लागू करने के आदेश दिये है।
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NPS IS COMPULSORY FOR THE GOVERNMENT EMPLOYEES
केन्द्र सरकार पहले ही अपने राजपत्र में स्पष्ट कर चुकी है कि राज्य सरकार न्यू पेंशन योजना लागू करने के लिए बाध्य नहीं है।
प्रदेश सरकार से कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है, जो वर्षों से करते आ रहे है और पिछले 3 माह से आंदोलन एवं ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से कर रहे है।
क्योंकि न्यू पेंशन योजना 2005 लेखा संधारण एजेंसी कर रही है जो कि एक ट्रस्ट है और ट्रस्ट के माध्यम से 6 लाख कर्मचारियों का भविष्य एवं पेंशन सुरक्षित नहीं है।
मप्र कर्मचारी मंच ने मंत्रालय के सामने न्यू पेंशन योजना 2005 की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया था तथा न्यू पेंशन योजना वापस लेने का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौपा था, साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की गई थी।
29 नवंबर 2021 से न्यू पेंशन योजना 2005 के विरोध में प्रान्तव्यापी हस्ताक्षर अभियान मप्र कर्मचारी मंच चला रहा है, जो अभी भी जारी है।
सरकार द्वारा किए गए नए संशोधन को प्रदेश के 6 लाख कर्मचारियों ने नामंजूर कर दिया है और पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है।
नई योजना में मात्र हजार या 15 सौ रूपए पेंश
मप्र कर्मचारी मंच के प्रान्ताध्यक्ष अशोक पाणडेय ने बताया है कि प्रदेश के कर्मचारियों को न्यू पेंशन योजना 2005 के माध्यम से सेवानिवृत्त होने पर मात्र हजार या 15 सौ रूपये पेंशन बनाई जाती है।
जिससे उसके परिवार का भरण पोषण व दवाई आदि का खर्चा भी पूरा नही होता है। आकस्मिक दुर्घटना हो जाने पर जमा राशि में किसी प्रकार की राशि निकालने की व्यवस्था नहीं है,
इसलिए कर्मचारी मंच ने निर्णय लिया है कि न्यू पेंशन योजना 2005 को वापस लेने एवं पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर 5 दिसम्बर 2021 को चिनार पार्क में आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया जायेगा और सोमवार को मुख्यमंत्री को पुरानी पेंशन योजना लागू करने का ज्ञापन सौपा जाएगा।
केन्द्र सरकार पहले ही अपने राजपत्र में स्पष्ट कर चुकी है कि राज्य सरकार न्यू पेंशन योजना लागू करने के लिए बाध्य नहीं है।
प्रदेश सरकार से कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है, जो वर्षों से करते आ रहे है और पिछले 3 माह से आंदोलन एवं ज्ञापन के माध्यम से मुख्यमंत्री से कर रहे है।
क्योंकि न्यू पेंशन योजना 2005 लेखा संधारण एजेंसी कर रही है जो कि एक ट्रस्ट है और ट्रस्ट के माध्यम से 6 लाख कर्मचारियों का भविष्य एवं पेंशन सुरक्षित नहीं है।
मप्र कर्मचारी मंच ने मंत्रालय के सामने न्यू पेंशन योजना 2005 की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया था तथा न्यू पेंशन योजना वापस लेने का ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौपा था, साथ ही पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की गई थी।
29 नवंबर 2021 से न्यू पेंशन योजना 2005 के विरोध में प्रान्तव्यापी हस्ताक्षर अभियान मप्र कर्मचारी मंच चला रहा है, जो अभी भी जारी है।
सरकार द्वारा किए गए नए संशोधन को प्रदेश के 6 लाख कर्मचारियों ने नामंजूर कर दिया है और पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग की है।
नई योजना में मात्र हजार या 15 सौ रूपए पेंश
मप्र कर्मचारी मंच के प्रान्ताध्यक्ष अशोक पाणडेय ने बताया है कि प्रदेश के कर्मचारियों को न्यू पेंशन योजना 2005 के माध्यम से सेवानिवृत्त होने पर मात्र हजार या 15 सौ रूपये पेंशन बनाई जाती है।
जिससे उसके परिवार का भरण पोषण व दवाई आदि का खर्चा भी पूरा नही होता है। आकस्मिक दुर्घटना हो जाने पर जमा राशि में किसी प्रकार की राशि निकालने की व्यवस्था नहीं है,
इसलिए कर्मचारी मंच ने निर्णय लिया है कि न्यू पेंशन योजना 2005 को वापस लेने एवं पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर 5 दिसम्बर 2021 को चिनार पार्क में आदेश की प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया जायेगा और सोमवार को मुख्यमंत्री को पुरानी पेंशन योजना लागू करने का ज्ञापन सौपा जाएगा।
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